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बनारस में ई-बस में सवारी यात्रियों की पहली पसंद, 16 दिनों में पीएमआई को हुई साढ़े सात लाख की आमदनी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी.  नगरीय परिवहन निदेशालय की ओर से संचालित इलेक्ट्रिक बसों की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। वायु प्रदूषण कम करने व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से सड़कों पर उतरी इन बसों के लिए अब प्रचार- प्रसार की जरूरत नहीं। 11 दिसंबर से अब तक के आंकड़े बताते हैं कि इस अवधि में इलेक्ट्रिक बसों से कुल सात लाख की आमदनी हुई है।

मिर्जामुराद बस स्टेशन से संचालित होने वाली ई-बसें तीन रूटों से होते हुए शहर के विभिन्न क्षेत्रों तक लोगों को पहुंचा रही है। मिर्जामुराद से चलकर कैंट होते हुए सारनाथ,कैंट होते हुए बाबतपुर व कैंट होते हुए राजघाट को संचालित हो रही है। बसों का स्टापेज निर्धारित कर दिया गया है। इसके बाद भी राह चलते लोगों के द्वारा बस को रोककर सवारी की जा सकती है।

कैंट बना सेंटर

तीनों रूटों पर चलने वाली बसों में सबसे ज्यादा यात्री कैंट बस स्टैंड पर मिल रहे हैं। यहां पर रोडवेज बस से विभिन्न स्थानों से आने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य जाने के लिए ई-बस एक सहूलियत भरा सफर लग रहा है।

यात्रियों की जुबानी

कैंट रोडवेज बस स्टैंड से सारनाथ जाने वाले राहुल कहते हैं कि ऑटो की अपेक्षा बस में किराया कम है इसके साथ ही एक बार में ही गंतव्य तक पहुंचा जा सकता है। राजघाट जाने वाले यात्री गौतम सिन्हा की माने तो ऑटो की सवारी धूल से भरी है आगामी समय में शासन को चाहिए कि सभी रूटों पर इस बस का संचालन शुरू कर दे। वहीं राजघाट जाने वाली कोयल बताती हैं कि कैंट आने के लिए लगातार वह इसी बस का सफर कर रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इस बस को रात्रि सेवा में भी शामिल करना चाहिए। महिलाओं के लिए यह बस पूरी तरह से सुरक्षित है।

सारनाथ रूट से इलेक्ट्रिक बस हटाने का विचार

खराब आमदनी के चलते मिर्जामुराद- कैंट - सारनाथ वाया अखरी व बीएलडब्लू मार्ग में कटौती करने पर विचार किया जा रहा है। सारनाथ रूट पर संचालित इलेक्ट्रिक बस का लोडफैक्टर मात्र 30 फीसदी ही दर्ज किया जा रहा है। लिहाजा, इस रूट पर कटौती भी की जा सकती है। क्षेत्रीय प्रबंधक केके तिवारी ने बताया कि सारनाथ- मोहाव रूट पर सवारियों की कमी है। इसके बदले दूसरे रूट पर बस को चलाया जा सकता है।

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