गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान से ऊपर, डीएम और एसपी ने बाढ़ प्रभावित गांवों का लिया जायजा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी अविनाश कुमार और पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने तहसील सेवराई के विभिन्न बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया।
जिलाधिकारी ने सेवराई तहसील के हसनपुरा, नसीरपुर, बिरऊपुर और मकदुमपुर गांवों का नाव से निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामवासियों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी सेवराई को बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री, लंच पैकेट और पशुओं के लिए चारा व भूसा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही बाढ़ प्रभावित गांवों में नावों की संख्या बढ़ाने का भी आदेश दिया।
जिलाधिकारी ने बताया कि शाम तक गंगा नदी के जलस्तर में कमी आने की संभावना है। जनपद की 5 तहसीलों के 57 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें से 24 गांवों की आबादी प्रभावित हुई है। सभी गांवों में लंच पैकेट की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश पहले ही सभी उपजिलाधिकारियों को दिया जा चुका है। गर्भवती महिलाओं, विशेषकर जिनकी डिलीवरी निकट है, उनकी सूची भी तैयार की गई है।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी विशेष राजस्व दिनेश कुमार, उपजिलाधिकारी सेवराई लोकेश कुमार, क्षेत्राधिकारी जमानियां, तहसीलदार सेवराई और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
उपजिलाधिकारी सदर मनोज पाढक ने भी बाढ़ से प्रभावित शेरपुर, तुलसीपुर, रफीपुर, सोकनी बड़हरियां, बड़सरा बड़हरिया, महबलपुर, गद्दोगाड़ा और सोलहनपुर गांवों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि तहसील सदर गाजीपुर के 31 गांव अब तक प्रभावित हुए हैं। 19 गांवों के संपर्क मार्ग में पानी आ जाने के कारण 52 नौकाओं का संचालन शुरू कर दिया गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव के लिए कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वित की जा रही है। 16 बाढ़ चौकियां और 5 बाढ़ शरणालय क्रियाशील हैं। प्रभावित लोगों को 800 लंच पैकेट वितरित किए गए। बाढ़ चौकियों और शरणालयों में स्वच्छ पेयजल, बिजली, शौचालय, भोजन, गद्दे और जनरेटर की व्यवस्था की गई है।