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वाराणसी में रातभर चला टिड्डी मारो अभियान, बची टिड्डियां जौनपुर की तरफ भागी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में पहुंचीं टिड्डयों को मारने का अभियान गुरुवार की रात से शुक्रवार की सुबह तक चलता रहा। पिंडरा और हरहुआ ब्लॉक के सात गावों में रात 10 से सुबह सात बजे तक अधिकारियों की उपस्थिति में  खेतों में दवा का छिड़काव किया गया। आठ से 10 बाइकों का दस्ता भी क्षेत्रों में दिनभर घूमकर टिड्डियों का मूवमेंट देख रहा है। अधिकारियों के अनुसार 40 फीसदी टिड्डियों को मारा गया है। बची टिड्डियां हवा का रुख जौनपुर की ओर होने से उधर उड़ गई हैं।

पिंडरा संवाददाता के अनुसार विकास खण्ड के आधा दर्जन गांवों में टिड्डियों को दवा का छिड़काव कर मारने का अभियान गुरुवार रात सवा 10 बजे एसडीएम पिंडरा के नेतृत्व में शुरू हुआ। मौके पर खुद डीएम कौशलराज शर्मा, सीडीओ मधुसूदन हुलगी भी पहुंचे और अधिकारियों को निर्देश देते रहे। सबसे पहले विकास खण्ड के राजपुर से अभियान की शुरुआत की गई। उसके बाद चितौरा, घोघली, घोघरी, नहिया कोर्रा में टिड्डियों को मारने का अभियान रात भर चला। दर्ज़नो की संख्या में सफाई कर्मचारी बैटरी से चालित होने वाली स्प्रे मशीन को लेकर खेतो में उतरे। दूसरी तरफ फायर ब्रिगेड की गाड़ियां में लगी रहीं।

वाराणसी में गुरुवार की सुबह टिड्डियों के हमले शुरू होते ही प्रशासनिक अमले ने तैयारियां शुरू कर दी।जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने पिंडरा ब्लाक के राजपुर, गंजारी, अमौत, चितौरा, गोधरी तथा नेहिया तथा हरहुआ ब्लाक में पुआरीकला में टिड्डी दल के प्रकोप से बचाने के लिए कैम्प कार्यालय पर सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। ब्लॉकवार टीमें बनाई गईं। हर ब्लॉक में एक एक अधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी। 

डीएम ने कृषि विभाग, अग्निशमन, तहसील तथा ब्लाक के कर्मचारियों व क्षेत्रीय किसानों को संयुक्त रूप से कार्रवाई का निर्देश दिया। कहा कि दिन में टिड्डियां जहां भी खेतों में फसलों पर धावा बोलती हैं वहां तेज आवाज कर इनको भगाया जाए। रात में पड़ाव या विश्राम के समय दवा का छिड़काव करके इनको मारा जाए। 

अग्निशमन विभाग को चार गाड़ियों से पेड़ों पर दवा का छिड़काव करने का निर्देश दिया। इसी के तरह रात में अभियान शुरू हुआ। हर ब्लॉक में 100 स्प्रे मशीन और प्रभावित गांवों में 30-30 स्प्रे मशीनों के साथ सफाईकर्मी तैनात किये गए। ये तीन-तीन मीटर की दूरी पर खड़े होकर बराबर लाइन से अपने दोनों ओर दवा का छिड़काव करते रहे। आठ से 10 मोटरसाइकिल चालकों को जिम्मेदारी दी गई कि वे टिड्डी दल के मूवमेंट को ट्रेस करते रहें। 

बीडीओ सभी प्रधानों को टिड्डियों के आने का सूचना देते रहे। लेखपाल व अन्य तहसीलकर्मियों की मौजूदगी में दवाओं का छिड़काव किया गया। टार्च और ड्रैगन लाइटों की पर्याप्त व्यवस्था भी की गई। इस दौरान छिड़काव के लिए 10 ट्रैक्टर का भी प्रबंध किया गया। टिड्डी दल की जानकारी देने के लिए जिला कृषि  अधिकारी के मोबाइल नं 8840775568 पर जानकारी करने के साथ ही विभाग के मोबाइल नं 9044779391 और 9140252131 पर  सूचना दी जा सकती है। कंट्रोल रूम की ओर से टिड्डियों के मूवमेंट की सूचना भी दी जाएगी।
पूर्वांचल के सात जिलों में टिड्डी दलों का हमला
वाराणसी समेत पूर्वांचल के सात जिलों में टिड्डियों का दल पहुंचा है। पाकिस्तानी टिड्डियों के दल ने गुरुवार को वाराणसी समेत पूर्वांचल के भदोही, मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर, आजमगढ़ और गाजीपुर में हमला बोल दिया। टिड्डियों का तीन अलग-अलग दल लाखों की संख्या में जिलों के अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचा। हालांकि ग्रामीणों व किसानों की सतर्कता व एकजुटता से टिड्डी दल का कहीं भी फसलों पर नुकसान नहीं पहुंचा है। टिड्डी दल उड़ते हुए यूपी से बिहार की ओर रवाना हो गया। टिड्डी दल के प्रकोप को देखते हुए सभी जिला प्रशासन ने अपने-अपने जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही किसानों से टिड्टियों से सतर्क रहने और तत्काल सूचना देने की अपील की गई है।

कृषि अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान से टिड्डियों का पांच दल राजस्थान होते हुए यूपी में प्रवेश कर चुका है। टिड्डी दल लगभग पांच-पांच किमी की दूरी में फैला है। हर दल में एक से डेढ़ करोड़ तक टिड्डियों की संख्या है। प्रयागराज के रास्ते सुबह करीब 9 बजे के आसपास टिड्डियों ने पूर्वांचल में दस्तक दी। एक साथ कई जिलों में टिड्डियों के पहुंचने से हड़कंप मच गया। टिड्डियों की जानकारी होते ही किसान हाथों में थाली और डिब्बा लेकर खेतों की ओर दौड़ पड़े। ग्रामीणों की एकजुटता से टिड्डी दल बिहार की ओर से निकल गई। हालांकि देर शाम टिड्डियों के वाराणसी में खेतों में बैठने की सूचना है। 

27 साल बाद टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला
भारत में 27 साल बाद यह टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले 1993 में टिड्डियों ने कई राज्यों में हमला किया था,जिससे करोड़ों रुपये की फसल बर्बाद हो गई थी। टिड्डी एक दिन में 150 किमी की दूरी तय कर सकती हैं। एक किमी के दायरे में फैले झुंड में 15 करोड़ से ज्यादा टिड्डियां हो सकती हैं। इन टिड्डियों का एक किमी के दायरे में फैला झुंड एक दिन में 35 हजार लोगों का खाना चट कर जाती हैं। टिड्डियों का एक झुंड एक किमी के दायरे से लेकर सैकड़ों किमी के दायरे तक फैला हुआ हो सकता है।
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